JAT = जस्ट अपने टाइप
जाटों को लेकर हमारे समाज में आम राय यह है कि वे बेबात उलझने वाले और अक्खड़ होते हैं। उन्हें बातें जल्दी चुभ जाती हैं। काम की धुन के पक्के होते हैं। जुगाड़ में माहिर होते हैं और अपनी गाड़ियों के पीछे...
View Articleमुझको पहाड़ी मत बोलो!
मंगलेश डबराल उत्तराखंड में मेरे एक मित्र के बेटे ने पिछले दिनों गांव में विवाह करने से इसलिए मना कर दिया कि गांव में डीजे और जनरेटर आदि मंगवाना संभव नहीं था, उसकी धुनों पर झूमने-मटकने और उसे देखने...
View Articleपहाड़ सी मजबूरी से मजबूती तक
आखिर पहाड़ के लोग क्यों पलायन करने को मजबूर हुए? क्यों मजबूर थी महिलाएं जीवन साथी से दूर रहने को? कैसे वहां के लोगों ने अपनी जन्मभूमि छोड़कर परदेस जाने का फैसला किया? कहां तक पहुंचा है परदेस में...
View Articleतहज़ीब है अजीज़ इन्हें
कुर्ता-पायजामा, सिर पर टोपी, धार्मिक कट्टरता... भारतीय मुसलमानों की पहचान आमतौर पर यही मानी जाती रही है, लेकिन वक्त के साथ काफी कुछ बदल रहा है। मौजूदा दौर का मुसलमान इस पहचान से बाहर आ चुका है, बदलाव...
View Articleरूढ़ियों से निकलने की छटपटाहट
राजकुमार भाटी पुरातनपंथी रिवाजों को छोड़ आधुनिकता की ओर चलने की रफ्तार गुर्जर समाज में बाकियों के मुकाबले धीमी है। गुर्जरों को अपने अतीत पर बेहद गर्व है लेकिन भविष्य की कोई साफ योजना उनके पास नहीं है।...
View Articleगुर्जर : एक जुझारू कौम
राजधानी दिल्ली की सड़कों पर ऐसी तमाम लग्जरी कारें आम हैं, जिनके पीछे लिखा होता है : गुर्जर या गुर्जर बॉय, तो यूपी, एमपी, राजस्थान आदि राज्यों के पिछड़े इलाकों में खेती-बाड़ी कर मुफलिसी की जिंदगी जी रहा...
View Articleजब तक है जॉब
हाथ में कलम और कमर पर तलवार... यह पहचान है श्री चित्रगुप्त भगवान की। उनमें मान्यता रखनेवाले कायस्थ समाज के ज्यादातर लोग कलम को अपना हथियार मानते हैं। हालांकि बुद्धिजीवी माने जाने वाला इस बिरादरी की कुछ...
View Articleसुनहरे कल के लिए खुद को बदलें कायस्थ
आर. के. सिन्हा कायस्थ समाज में पैदा हुए विभिन्न क्षेत्रों के महापुरुष (मसलन साहित्य में मुंशी प्रेमचंद, स्वतंत्रता आंदोलन में सुभाषचंद्र बोस, अध्यात्म में स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद, राजनीति में...
View Articleज्ञान, दान है पहचान
बात जैनों की हो और रईसी का जिक्र न आए, ऐसा कभी नहीं हो सकता है। हमेशा जेब से दमदार मानी जाने वाली यह कम्युनिटी दिल के मामले में भी काफी रईस है। हालांकि यही दौलत इन्हें दहेज जैसे मामलों में खींचकर नाम...
View Articleजाति तक सीमित न किया जाए जैन धर्म को
निर्मला जैन जैन समुदाय के बारे में बातें करते हुए हम प्राय: इस बात को अनदेखा कर देते हैं कि जैन जाति नहीं, धर्म है। जाति की बात करें, तो जैन धर्म के अधिकांश अनुयायी जाति से बनिए होते हैं। इस प्रसंग...
View Articleजाट एक नस्ल है, कोई जाति नहीं
आदित्य चौधरी उत्तरी भारत में, आठ महीने की गर्भवती महिला अगर खेत में काम करती दिखे तो इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है कि वह जाटनी होगी। अगर देश की सीमा पर कोई सुगठित कद-काठी का सिपाही डटा हुआ दिखाई दे...
View Articleकभी नहीं डूबता पूरब का सूरज
इन्होंने कभी दुनिया के पहले गणतंत्र की नींव रखी थी, तो स्वतंत्रता संग्राम की अपनी पहली लड़ाई महात्मा गांधी ने इन्हीं के साथ मिलकर लड़ी थी। चाणक्य से लेकर बुद्ध, महावीर तक का नाम इनके साथ जुड़ा है। इतनी...
View Articleनई दुनिया में बेड़ियां पुरानी
द्वारिका प्रसाद अग्रवाल भारतीय समाज में वर्ण व्यवस्था कर्म आधारित थी, जो बाद में जन्म आधारित हो गई। पुराने जमाने में खेती करनेवालों, पशुपालने वालों और रोज़मर्रा की चीजें बेचनेवालों को वैश्य वर्ण का...
View Articleट्रडिशनल पर स्मार्ट बनिये
देश को सबसे बड़ा बिजनस ग्रुप देनेवाले धीरूभाई अंबानी के जीवन से प्रेरित फिल्म 'गुरु' में जब अभिषेक बच्चन कहते हैं, ' बनिया हूं साब, सब कुछ बहुत सोच-समझ कर खर्च करता हूं... आपने 5 मिनट का वक्त दिया और...
View Articleमुल्क दी शान पंजाबी...
शानोशौकत दिखाने की बात हो या किसी से अपनापन जताने की या फिर जिंदगी के हर लम्हे को भरपूर जीने की... कोई भी जान और समझ सकता है कि जिक्र पंजाबियों का हो रहा है। न किसी बात की फिक्र करना, न किसी से बैर...
View Articleराख से भी जी उठना जानते हैं हम
मनोज शर्मा वह पंजाबी है। किसी व्यक्ति को लेकर कहा गया यह छोटा सा वाक्य, किस तरह का प्रभाव डालता है? विशेषकर, पंजाब से बाहर ऐसा कहा जाए तो? मस्त, मौज के रंग में रंगा, बदमाश, बेवजह लड़ने-मारने वाला,...
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